म्हारा बिंदायकजी स्याणा ल्यावैं बै तो धन का बाणा
म्हारा बिंदायकजी भोळा, ल्यावैं भर कै धन का झोळा
म्हारा बिंदायकजी सूदा, करदीं बै तो धन का कुड्डा
म्हारा बिंदायकजी ठाडा, ल्यावैं बैं तो धन का गाडा
हे बिंदायकजी महाराज, भरया ई आइयो रीता जाइयो
बिंदायक बाबो रंग्यो चंग्यो, भरी बाङी मैं फिरै सुरंगो
राणी ध्यावै राज नै, म्हे ध्यावां म्हारा सुहाग नै
राणी को राज बधगो ,म्हारो कारज सधगो
पोता बहू की राबङी, दोयता बहू की खीर
मीठी लागै लागी राबङी, खाटी लागै खीर
हे महाराज सटक बिंदायक, घोङा की हिणहिणाहट देई
बांदी की भणभणाहट देई, कुणो भर्यो खुडिया को देई
थळी भरी जूत्याँ की देई, घर सांकळो पथ मोकळो देई
खूंटी हार, सेज भरतार, पूत पालणै, कङावण दूध देई
हे बिंदायकजी महाराज सैका कारज सारियो
घर मैं सुख शांति को राज कर्यो, मुक्ति दीज्यो
दीपावली के पावन पर्व पर आपको मित्रों, परिजनों सहित हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाएँ!
ReplyDeleteway4host
RajputsParinay
आज 26/02/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
पहली दफा आपके इस ब्लॉग पर सुनीता जी की हलचल से आना हुआ.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा बिन्दायक जी रो गीत पढ़ कर.
तीज तेवर नाम खूबसूरत है.
आभार.
sundar rachna
ReplyDeletejyada samjh nahi aai pr jitna aai bahut khoob lagi badhai
ReplyDeleterachana
बहुत अच्छा पर्यास हैं सा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteकाना ने कुंडल ल्यावो रंग रसिया ,म्हारे रखड़ी रत्न जड़ा वो सा हो बालमा।
सम् दरिया लहरा खावे सा हो बालमा। .....
विंदायकजी महाराज भली करेंगे।
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