राजस्थानी तीज-त्यूँवार, नेगचार, गीत-नात, पहराण, गहणा-गांठी अर बरत-बडूल्यां री सोवणी सी झांकी है तीज-त्यूँवार...

गणगौर रो गीत


म्हारा माथा नै मैमंद ल्यावो म्हारा हंजा मारू येईं रहो जी।
म्हारा हाथां नै चुङलो ल्यावो म्हारा हंजा मारू येईं रहो जी।
गणगौरयां रो बडो है त्युंआर म्हारा हंजा मारू येईं रहो जी.....

जाबा देओ नखराळी नार जाबा देओ ऐ,
जाबा देओ चिरतांळी नार जाबा देओ ऐ,

म्हारा साथीङा ऊबा ड्योड्याँ पार म्हारी मिरगानैणी जाबा देओ ऐ
थानैं आये पुजावां गणगौर म्हारी मिरगानैणी जाबा देओ ऐ।
म्हारा कानां नै झूमर ल्यावो म्हारा हंजा मारू येईं रहो जी।
म्हारा पगां नै पाजेबां ल्यावो म्हारा हंजा मारू येईं रहो जी।
गनगौरयां रो बडो है त्युंआर म्हारा हंजा मारू येईं रहो जी.....

जाबा देओ नखराळी नार जाबा देओ ऐ,
जाबा देओ चिरतांळी नार जाबा देओ ऐ,

म्हारा साथीङा ऊबा ड्योड्याँ पार, म्हारी मिरगानैणी जाबा देओ ऐ।
थानैं आये पुजावां गणगौर, म्हारी मिरगानैणी जाबा देओ ऐ।

चाँद पून्यू री कहाणीँ

एक साहूकार कै दो बेट्याँ ही। दोनी भाणां चाँद पून्यू को बरत करती। बड़ी भांण तो पूरो बरत करती अर छ्योटी भांण अधूरो बरत करती। अधूरो बरत करबा सैं छ्योटी भांण का टाबर जनम लेतां ई मर जाता। जद बा पंडित नै पूछ्यो की के बात है कि म्हारा टाबर होतां ई मर जावै है। तो बै बोल्या कि तू पून्यू को अधूरो बरत करै है जीसैं थारा टाबर जीवै कोनी। जद तू पूरा बरत करसी तो टाबर जीसी। फेर बा पून्यू का पूरा बरत करया। थोड़ा सा दिनां पाछै बीकै बेटो हुयो पण बो भी कोनी जियो। जद बा आपका बेटा नै पीडा माळै सुवाण दियो अर ऊपर सैं गाबो उढ़ा दियो अर बड़ी भांण नै बुला'र बो पीडो बीनै बैठबा नै दे दियो। जियां ई बड़ी भांण को घाघरो टाबर कै अङ्यो बो रोबा लाग गो। तो बड़ी भांण बोली तू मेरै ओ के कळंक लगावै ही, जै मैं बैठ जाती तो छोरो मर जातो। जद छ्योटी भांण बोली बाई ओ तो तेरा भाग सैं ई जियो है। आपां दोनी भाणां चाँद पून्यू को बरत करती। तू तो पूरो बरत करती अर मैं अधूरो बरत करती। जिका दोस सैं म्हारा टाबर जीता कोनी। ओ छोरो तेरा भाग सैं ई बच्यो है। बै सारा गाँव मैं हेलो मरवा दियो कि सै कोई पून्यू को बरत करयो......अर पूरो बरत करयो।
हे चाँद पून्यू माता जियां छ्योटी भांण का टाबर नै जिवायो बियां ई सैका टाबरां की रक्षा करजे। कहताँ सुणतां हुंकारा भरतां की। पीर सासरे सुख शांति राखज्ये।

आसमाता री कहाणीँ

एक आसळियो बावळियो हो। बिकी जुओ खेलबा की बांण ही, अर बो हरबा अर जीतबा दोन्यां का बामण जिमातो। जद बिकी भाभ्याँ बोली की ओ तो हारै तो बामण जिमावै जीतै तो बामण जिमावै, इयाँ कियां पार पड़सी। इनै गाँव मां ई काड दयो। जद आसळियो बावळियो भी घरां सैं निकळकै शहर चल्योगो अर आसमाता की आस माळै बैठगो । फेर तो सारा शहर मैं रोळो होगो की एक जुआ को बड़ो खिलाड़ी आयो है। राजा नै ई बात को बेरो पड्यो तो बीने महल मैं खेलबा बुलायो अर सारो राज-पाट हरगो। आसळियो बावळियो राज करबा लागगो। बठीनै घरां खाबा का नाज का भी टोटा होगा। जद भाई अर भाभ्याँ बीनै खोजबो चालू करयो अर शहर आयगा। बठे बै सुणयो कै कोई आदमी जुए में राज जीतगो। बै सारा नया राजा सैं मिलबा गया अर कह्यो की म्हारो भी एक भाई हो आसळियो बावळियो जिका नै महे घरां सैं काड दियो। जद बो कह्यो कै मैं ई थारो हूँ। थारी करणी हाथ म्हारी करणी म्हारै हाथ।
हे आसा माता बीने दियो जियां ई सगळा नै दीजे। कहताँ सुणतां हुंकारा भरता नै। सुख शांति राखज्ये।

तुळसां जी री कहाणीँ

काती का मैहना मैं सै लुगायां तुळसां जी सींचबा जाती। सगळी लुगायां कै जातांई बठे एक बुढ़िया माई आती अर तुलसां जी सैं कह्या करती कै तुळसी माता सत की दाता मैं बिङलो सीचुं तेरो तू निस्तारो कर मेरो.......... अडुवा दे लडुवा दे , पीताम्बर की धोती दे , मीठा मीठा गास्या दे , बैकुठां का बासा दे। चटका की चाल दे, पटका की मौत दे। चन्नण को काठ दे, झालर की झिणकार दे। सांई को राज दे, दाळ भात को जीमाणों दे। ग्यारस को दिन दे, कृष्ण को कांधो दे। इत्ती बातां सुण-सुण कै तुळसां माता मुरझा गी। जद भगवान पूछ्यो कै थारै कनै तो इत्ती लुगायां आवै है। थानैं सींचै है जीमवै है थारा गीत गावै है तो फेर थे कयां मुरझाती जावो हो। तुळसां माता कह्यो कै एक बुढ़िया माई आवै है जिकी इत्ती बातां कह जावै है। मैं बीनै बाकि सब तो दे सकूँ हूँ पण कृष्ण को कांधो कठ्या सैं देऊं। भगवान बोल्या की तू बुढ़िया माई नै कह दे कै बा मरैगी जद मैं आप कांधो दे देस्यूं। थोड़ा दिनां पाछै बुढिया माई मरगी। सै जणा उठाणै लाग्या पण बा उठी कोनी। सै जणा कहण लाग्या कि पाप-घात कि माळा फेरती जीको भारी होगी। जद भगवान बूढ़ा बामण को भेक बणा'र आया अर सै नै पूछण लाग्या कि इत्ती भीड़ क्यों होरी है। सै ई बोल्या एक पापणी बुढ़िया माई मरगी। बा कोई सैं ई कोनी ऊठै। जद भगवान बोल्या कि इकै कान मैं ईका मन बात कह दयो तो उठ्यासी। तो सै कोई बोल्या कि तू भी तेरी मन कि काड लै। भगवान जा'र बीका कान मैं कह्यो
तू बिङलो सींच्यो मेरो, मैं करूं निस्तारो तेरो .......... अडुवो ले, गडुवो ले, पीताम्बर की धोती ले, मीठा मीठा गास्या, ले बैकुठां का बासा ले, चटका की चाल ले, पटका की मौत ले। चन्नण को काठ ले, झालर की झिणकार ले, सांई को राज ले, दाळ भात को जीमणों ले ......कृष्ण को कांधो ले। इत्तो सुणतां ई बुढ़िया माई हल्की होगी। भगवान बीनै कांधो दियो अर बिकी मुक्ति होगी। हे तुळसां माता, बुढ़िया माई कि गति- मुक्ति करी जियां ई सै कि करजे। म्हारी भी करजे। सुख शांति रांखज्ये