एक साहूकार कै दो बेट्याँ ही। दोनी भाणां चाँद पून्यू को बरत करती। बड़ी भांण तो पूरो बरत करती अर छ्योटी भांण अधूरो बरत करती। अधूरो बरत करबा सैं छ्योटी भांण का टाबर जनम लेतां ई मर जाता। जद बा पंडित नै पूछ्यो की के बात है कि म्हारा टाबर होतां ई मर जावै है। तो बै बोल्या कि तू पून्यू को अधूरो बरत करै है जीसैं थारा टाबर जीवै कोनी। जद तू पूरा बरत करसी तो टाबर जीसी। फेर बा पून्यू का पूरा बरत करया। थोड़ा सा दिनां पाछै बीकै बेटो हुयो पण बो भी कोनी जियो। जद बा आपका बेटा नै पीडा माळै सुवाण दियो अर ऊपर सैं गाबो उढ़ा दियो अर बड़ी भांण नै बुला'र बो पीडो बीनै बैठबा नै दे दियो। जियां ई बड़ी भांण को घाघरो टाबर कै अङ्यो बो रोबा लाग गो। तो बड़ी भांण बोली तू मेरै ओ के कळंक लगावै ही, जै मैं बैठ जाती तो छोरो मर जातो। जद छ्योटी भांण बोली बाई ओ तो तेरा भाग सैं ई जियो है। आपां दोनी भाणां चाँद पून्यू को बरत करती। तू तो पूरो बरत करती अर मैं अधूरो बरत करती। जिका दोस सैं म्हारा टाबर जीता कोनी। ओ छोरो तेरा भाग सैं ई बच्यो है। बै सारा गाँव मैं हेलो मरवा दियो कि सै कोई पून्यू को बरत करयो......अर पूरो बरत करयो।
हे चाँद पून्यू माता जियां छ्योटी भांण का टाबर नै जिवायो बियां ई सैका टाबरां की रक्षा करजे। कहताँ सुणतां हुंकारा भरतां की। पीर सासरे सुख शांति राखज्ये।
हे चाँद पून्यू माता जियां छ्योटी भांण का टाबर नै जिवायो बियां ई सैका टाबरां की रक्षा करजे। कहताँ सुणतां हुंकारा भरतां की। पीर सासरे सुख शांति राखज्ये।