आपणा लोकपर्व कुदरत नै पूजण को संदेसों ई देवण आळा होवे | मरुधरा रै आँगणे माँय अस्यो ई एक त्यूंवार भायाँ पांचै को बी छै | ई दिन कहाणी सुणी जाय छै | सागै ई घास सूं भाई-भाण बनाण'र बानै पूजण री रीत छै | भायाँ पांचै को परव रक्षाबंधन सूं भी बडो मान्यों जावै छै | ई दिन भाई आपरी भाण के सासरे जाय'र नेग दिया करै | कह्यो जाय छै कै ई दिन जिका भाई-भाण सागै बैठ'र जीमै बांरो परेम सदा बण्यो रैवे | ई दिन जीमण खातर चावळ-मूँग बनाण की रीत छै | गैलका दिनां ई मनायोड़ा की त्यूंवार की फ़ोटुआं......