राजस्थानी तीज-त्यूँवार, नेगचार, गीत-नात, पहराण, गहणा-गांठी अर बरत-बडूल्यां री सोवणी सी झांकी है तीज-त्यूँवार...

गणगौर ई तिरियाँ माँडी जाय है....


2 comments:

  1. मुझे बहुत अच्छा लगा इस ब्लॉग पर आकर। आपने हम परंपरा प्रेमियों के लिए जो मंच तैयार किया है वह न केवल दर्शनीय है बल्कि प्रशंसनीय भी है। मैं खुद मिटटी की गणगौर बनती हूँ और इसी तरह हर बार। आपके मंच पर साझा करना चाहती हूँ।

    ReplyDelete
  2. आपका यह ब्लॉग स्पॉट बहुत अच्छा है आप की एक शानदार और सराहनीय कार्य है राजस्थानी मारवाड़ी भाषा में जो आप का लेखन है बहुत ही अच्छा है आप इसको आगे बढ़ाते रहिए

    ReplyDelete

थारा बिचार अठे मांडो सा ....